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Showing posts from March, 2014

भारतीय पनडुब्बियां क्यों ले रही हैं अपने ही नौसेनिकों की जानें...?

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पिछले 7 महीनों में नौसेना में हुए ग्यारह हादसों में 21 लोगों की जानें गईं हैं। ज्यादातर मामलों में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन इनमें से सिंधुघोष क्लास की पनडुब्बियों में हुई दो दुर्घटनाओं में 20 लोगों की जानें जा चुकी हैं। यह दोनों रूसी पनडुब्बियां थी। जब हमने इनकी पड़ताल की तो कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। भारत द्वारा रूस से लीज़ पर ली गई परमाण्विक पनडुब्बी नेरपा के-152 का भी कुख्यात इतिहास है। इसे भारतीय नौसेना में आईएनएस चक्र के नाम से कमीशन किया गया है। सिंधुघोष क्लास की लगभग सभी दस पनडुब्बियां रूस से भारी रीफिटिंग के बाद तब ली गई हैं जब रूस ने इनका इस्तमाल या तो कम कर दिया था या बन्द कर दिया था मतलब नौसेना की भाषा में वो या तो डीकमीशन कर दी गईं थी या फिर डीकमीशन होने की कगार पर थी। चूंकि यह मामला बेहद संवेदनशील है, हम इन जानकारियों को आपसे बिल्कुल वैसे ही साझा कर रहे हैं जैसे यह हमें मिली। हम यह नहीं कह सकते कि यह जानकारी नौसेना में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के कारणों की विवेचना करती है या नहीं, लेकिन इस बात पर ज़रूर प्रकाश डालती है कि हम रक्षा खरीद उपकरणों के लिए

विश्व में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश भारत, अपने इन्हीं दुधारू पशुओं के मांस के सहारे विश्व के सबसे बड़े मांस निर्यातकों में से एक बना

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क्या आपको डराते नहीं यह आंकड़े... · देश ने 2012-13 में विश्व को 17,400.59 करोड़ रुपये मूल्य के 11069.6 लाख टन भैंस के मांस के उत्पादों का निर्यात किया है · उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष प्रदेश में 8 नए और अत्याधुनिक बूचड़खाने खोलने को मंज़ूरी दी हैं जिनमें 10000 से 20 हज़ार दुधारू पशु प्रतिदिन काटे जाएंगे। · 2013 दिसंबर में जारी फिक्की की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर प्रदेश 67 प्रतिशत शेयर के साथ भारत से भैंस के मांस यानि बीफ का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। कृष्ण कन्हैया की जन्मभूमि वाले प्रदेश में गाय भैंसों की संख्या सबसे ज्यादा होने के कारण यहां बूचड़खाने-सह मास-संसाधन इकाईयों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। राज्य में बीफ उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और 2010 में तो यह चालीस फीसदी तक बढ़ गया है।  · बीफ उत्पादन में उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब का नंबंर आता है। · इन बीफ उत्पादों को मुख्य तौर पर वियतनाम सोशल रिपब्लिक, मलेशिया, थाइलैंड, मिश्र अरब रिपब्लिक, सऊदी अरेबिया और जॉर्डन में निर्यात किया जाता है।  · स

गाय को क्यों ना दिया जाए राष्ट्रमाता का दर्जा..? तभी बच पाएगी भारत की आस्था और अर्थव्यवस्था की प्रतीक गौमाता

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क्या आप जानते हैं- ·          सारे संसार में पाए जाने वाले सभी चौपायों और पशुओं में केवल और केवल गाय ही ऐसा पशु है जिसके मल यानि गोबर को पवित्र माना जाता है और जिसका पूजा में उपयोग होता है। ·          भारतवर्ष में गाय को कभी भी पशु नहीं माना गया बल्कि हमेशा गाय को गौमाता कहा जाता है। ·          यह एक चिकित्सकीय तथ्य है कि मां के दूध के बाद गाय का दूध शिशुओं के लिए सर्वोत्तम है जो ना सिर्फ उन्हें हर तरह के रोगों और एलर्जी से बचाता है बल्कि बुद्धि के विकास में भी कारगर है। ·          उन सभी नवजात शिशुओं को जो किसी वजह से मां के दूध के सेवन से वंचित रह जाते हैं, डॉक्टर सुपाच्य, हल्का और सर्वोत्तम गाय का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। ·          गाय के दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र को मिला कर बनने वाले पंचगव्य से कब्ज़ से लेकर कैंसर तक लगभग हर रोग को ठीक किया जा सकता है और यह एक प्रमाणित हकीकत है। ·          पंचगव्य का प्रयोग हवन में भी किया जाता है। आर्युवेद में इसे औषधि माना जाता है और हिन्दुओं के धार्मिक कार्य पंचगव्य के बिना पूरे नहीं होते। ·