पंचमढ़ि जाएं तो लुटने के लिए तैयार होकर जाएं...

मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन पंचमढि में जाने की योजना अगर आप बना रहे हैं तो ज़रा ध्यान रखिए। लुटने की पूरी तैयारी के साथ यहां जाईए वरना पंचमढ़ि में घूमने का सपना त्याग दीजिए। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां पर आपको लूटने वाले यहां के नागरिक नहीं…,वो तो काफी भोले-भाले लोग हैं, बल्कि आपको लूटने का जिम्मा उठाया है खुद फॉरेस्ट विभाग ने जिसके जिम्मे यहां के सभी प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों की निगेहबानी और रखरखाव है।

     पंचमढ़ि पूरी तरह से मध्य प्रदेश सरकार के हाथ में है यहां आपको मध्य प्रदेश टूरिज्म की तरफ से प्रशासित कई होटेल मिल जाएंगे जो कि आपके बजट और आराम दोनों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं लेकिन जो थोड़ी बहुत बचत का सपना मध्य प्रदेश टूरिज्म के इन होटलो में जाकर पूरा होता है उसे पूरी तरह तोड़ देने का जिम्मा उठा रखा है फॉरेस्ट विभाग ने।  कैसे... आपको सिलसिलेवार बताते हैं..
-सबसे पहले जब आप पंचमढि में प्रवेश करते हैं तो आपसे पार्किंग चार्जेस के रूप में पैसे वसूले जाते हैं जो कि एक तरह से आपके द्वारा पंचमणि में रुकने का किराया है। यह चार्जेस प्रति व्यक्ति के हिसाब से लिए जाते हैं लेकिन ध्यान रहे कि इन्हें नाम भले ही पार्किंग चार्जेस दिया गया हो लेकिन यह पार्किंग चार्जेस होते नहीं है। वो आपको आगे अलग से देने पड़ते हैं।
अब अगर आप अपनी गाड़ी से आए हैं या किराए की गाड़ी करके लाए हैं तो भी काम नहीं चलने वाला क्योंकि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की नीति के अनुसार यहां के 8 मुख्य दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए आपको विभाग द्वारा चलाई जा रही जिप्सियों को ही किराए पर लेना होगा। जो आराम से 1200 रूपए में एक दिन (सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक जिसमें एक घंटे का लंच ब्रेक शामिल हैं) के लिए किराए पर मिलती हैं। अगर आप किसी अन्य परिवार के साथ मिलकर जिप्सी किराएं पर लें तो आपका खर्च 600 रुपए तक आ सकता है लेकिन इसके लिए जिप्सी वाले आसानी से तैयार नहीं होते। तो यहां भी आपका मोटा खर्चा होना तय रहा। खैर एक बार जिप्सी किराए पर ले लेने के बाद जिप्सी ड्राइवर आपको सबसे पहले ले जाते हैं बाइसन लौज... जो आठ मुख्य दर्शनीय स्थलों में से पहला स्थल है और जहां बाकी अन्य स्थानों के लिए टिकट कटती है। और एक ज़रूरी सूचना- इन दर्शनीय स्थलों में जटाशंकर महादेव शामिल नहीं हैं जो कि यहां की सबसे प्रसिद्ध जगह है, वहां आपको अलग से जाना पड़ेगा। खैर बाकी आठ दर्शनीय़ स्थलों के लिए मिलने वाली इस टिकिट की कीमत है 300 रुपए और यह हर किसी के लिए लेना आवश्यक है लेकिन रुकिए इस टिकिट के साथ एक फच्चर और भी है और वो यह कि आपको गाइड भी लेना पड़ेगा। यहां बड़े बड़े शब्दों में लिखा है कि गाइड लेना अनिवार्य है जिसकी फीस है 200 रूपए। आप चाहे या ना चाहे गाइड का शुल्क भी आपको अदा करना पड़ेगा। यानि 300 रुपए वाली टिकिट आपको पड़ेगी 500 रुपए में।
अब आप गाइड लेकर जब सफर पर निकलते है, तो आपको ले जाया जाता है पांडव गुफाओ में। अब अगर आपका गाइड सही हो तो कोई बात नहीं, वरना गाइड साहब ऊपर जाने से मना कर देते हैं और दूर से ही आपको सारा कुछ बता कर छोड़ देते हैं। खैर यह तो कुछ भी नहीं, जब आगे आप बड़ा फॉल देखने पहुंचते हैं तब आपको पता चलता है कि परेशानी क्या है। बहुत सारी सीढ़िया उतरकर नीचे फॉल तक पहुंचने के लिए पहले तो गाइड ही मना कर देते हैं। आपको काफी लम्बा रास्ता तय़ करके अकेले नीचे जाना पड़ता है और जब तक आप लौट कर आते हैं, आपके गाईड रफूचक्कर हो चुके होते हैं। यानि जिस गाईड के लिए आपने अनमने मन से दो सौ रुपए दिए वो दो स्पॉट्स के बाद ही गायब। खैर आप दो सौ रुपए का ग़म खाते हुए आगे चलते है, तो आपको सिल्वर फॉल ले जाया जाता है, यहां जाने की गलती मत करिएगा। कम से कम आधा किलोमीटर चलने के बाद एक रेलिंग आती है और वहीं से सुदूर पहाड़ों में एक पतली सी झरने की धारा का दर्शन होता है जिसे सिल्वर फॉल कहा जाता है। बाई गॉड यहां जाने के बाद आप टूरिस्ट विभाग वालो को इतना कोसेंगे कि क्या बताएं।

 एक किलोमीटर आना-जाना और थकान से भरा शरीर और आधा बीत चुका दिन आपका पूरा दम निकाल देता है और साथ ही ड्राइवर सुना देता है लंच ब्रेक का फरमान । अब आप भले ही अपने साथ खाना लेकर चले हों, पर ड्राइवर साहब को आपको एक घंटे का लंच ब्रेक देना ही पड़ेगा। तीन बजे तक जब वापस आपकी यात्रा शुरू होती है, इतना समय नहीं रहता की ड्राइवर साहब आपको सारे स्पॉट्स दिखा सकें तो वो आपको सीधे सनसेट पॉइंट ले जाते हैं, बीच में भालू गुफा और एक आध दूसरा स्पॉट छोड़ते हुए। रास्ते में आपको हांडीखोह और प्रियदर्शनी के भी दर्शन होते हैं जो वाकई दर्शनीय हैं। खैर अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो आपको सनसेट पॉईट पर यहां सनसेट का नज़ारा होगा, वरना नहीं। यहां तक पहुंचते पहुंचते आपका समय तो समाप्त हो गया, और गाइड भी साथ छोड़ गया, लेकिन अफसोस आप पूरे स्पाट्स तो देख ही नहीं पाए। अब अगर आपको दूसरे दिन बचे हुए स्पाट्स देखने हैं तो फिर से तीन सौ, नहीं नहीं पांच सौ रुपए की टिकिट लेनी पड़ेगी। वरना खुदा का नाम लीजिए।
        तो लब्बोलुआब यह है जनाब की पंचमढ़ि जाएं यहां की प्राकृतिक वादियों और दिल खुश कर देने वाली खूबसूरती के साथ, जबरदस्त खर्चे और दिल को खिजाने वाली पर्यटक नीतियों के लिए तैयार हो कर जाएं। और आकर यह ज़रूर बताएं कि उपरोक्त में से किसका पलड़ा भारी रहा।
 
क्या करें
· मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के होटेल में ही रुके यह काफी सही कीमतों पर उपलब्ध हैं। 
· कोशिश करें कि जिप्सी करते समय किसी और परिवार को भी साथ ले लें यह आप दोनों परिवारों के लिए सुलभ और सस्ता पड़ेगा। 
· सुबह जल्दी होटल से निकल जाएं और नौ बजे तक अपनी यात्रा शुरू कर दें ताकि जिप्सी का पूरा उपयोग कर सकें। 
· बड़ा फॉल को छोड़कर कोशिश करें कि कहीं ज्यादा समय बरबाद ना हो ताकि आप एक दिन में ही सारे स्पॉट्स देख सकें। 
· हल्का फुल्का खाना या स्नैक्स अपने साथ गाड़ी में रख लें और हर स्पॉट पर कुछ खाने को ले जाएं, खास तौर पर बी फॉल पर। नीचे नहाने के बाद आपको भूख लगेगी और यहां स्टॉल पर अच्छा खासा महंगा खाना मिलता है।   

 

 

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