शिफ्टिंग के लिए मूवर्स और पैकर्स को सामान सौंप रहे हैं..? ज़रा संभल कर, कहीं ये आपको लूट ना लें

अगर आप अपना घर शिफ्ट करने के काम को आसान बनाने के लिए किसी मूवर्स एंड पैकर्स कंपनी की सेवाएं लेने की सोच रहे हैं, तो ज़रा अक्लमंदी से काम लीजिए। अपने मूवर्स और पैकर्स को चुनने और उनसे सेवाएं लेते समय आपने अगर सावधानी नहीं बरती तो कहीं ऐसा ना हो कि आसानी के चक्कर में आप परेशानी में पड़ जाए। पैसे भी गंवाए, सामान से भी हाथ धोना पड़े और मन की शांति भी जाए।
       जी हां ऐसा ही कुछ अनुभव रहा गुड़गांव में जैनपैक्ट में काम करने वाले भास्कर अग्रवाल का। कंपनी के काम से तीन साल के लिए विदेश जा रहे भास्कर ने जाने से पहले जब किराए का घर छोड़कर अपने पैतृक निवास आगरा में सामान शिफ्ट करने की सोची तो उन्हें भी इसके लिए मूवर्स और पैकर्स की सुविधाएं लेना आसान लगा। जस्ट डायल वेबसाइट से तिरुपति बालाजी मूवर्स एंड पैकर्स (पता- प्लॉट नं 1088, सेक्टर 28, द्वारका, फोन- 9313356600 / 9311405834 / 9990673021 / 011-32653508)का नंबर मिला और साढ़े आठ हज़ार में बात फाइनल हो गई। भास्कर बड़े खुश थे कि उनका सामान सुरक्षित आगरा पहुंच जाएगा और उन्हें कोई मेहनत या बेकारी का सिरदर्द भी नहीं लेना पड़ेगा। लेकिन भास्कर को क्या पता था कि उन्होंने आसानी नहीं परेशानी मोल ले ली है।
   शिफ्टिंग के दिन सामान पैक करने से ट्रक में लोड करने के समय तक तो कंपनी से आए जसपाल राना जी का व्यवहार बड़ा मृदु रहा लेकिन जैसे ही सामान ट्क में लोड हो गया राना के तेवर बदल गए। उसने भास्कर को साढ़े ग्यारह हज़ार का बिल पकड़ाया और बोला कि पूरा पेमेंट एडवांस करना पड़ेगा वरना ट्रक आगे नहीं जाएगा। जब भास्कर ने कहा कि बात तो सब मिलाकर साढ़े आठ हज़ार में तय हुई थी तो राना ने बताया  कि वो तो बेसिक खर्चा है बाकी सर्विस टैक्स वगैरह मिलाकर साढ़े ग्यारह हज़ार देना पड़ेगा और इन्श्योरेंस का खर्चा अलग से है। चूंकि सामान ट्रक में लोड हो चुका था, इसके बाद यह बात हुई थी तो भास्कर के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे थे, लेकिन फिर भी जब उसने राना से सामान वापस उतारने को कहा तो राना ने कहा कि सामान उतारने के पांच हज़ार रुपए लगेंगे। किसी तरह बहसबाज़ी के बाद दस हज़ार रुपए नकद लेकर राना ट्रक चलवाने को तैयार हुआ।

आखिर साढ़े ग्यारह बजे ट्रक आगरा के लिए निकला। गुड़गांव से आगरा 200 किमी है और ज्यादा से ज्यादा शाम पांच बजे तक ट्रक को आगरा पहुंच जाना चाहिए था। लेकिन ट्रक रात को बारह बजे तक भी आगरा नहीं पहुंचा। जब जब भास्कर ने राना से बात की हर बार उसने बहाना बना दिया कि ट्रैफिक में फंसा हुआ है, पहुंच जाएगा। इसके बाद रात को बारह बजे राना भास्कर को फोन करके कहता है कि ट्रक तो यूपी पुलिस ने पकड़ लिया है। आप अगर पांच-छ हज़ार रुपए देने को तैयार हो तो मैं मामला रफा दफा कर दूं वरना वो लोग रात में ट्रक लूट भी सकते हैं, मेरी जिम्मेदारी नहीं है। 
भास्कर को अब तक समझ में आ गया था कि वो बहुत गलत फंस चुका है। खैर किसी तरह पड़ौस के वकील साहब द्वारा पुलिस की धमकी देने पर राना साहब ने ट्रक छुड़वाने की बात मानी और रात डेढ़ बजे ट्रक घर पहुंचा तो पता चला उसमें किसी दूसरे व्यक्ति का शिफ्टिंग का सामान भी लदा हुआ था। खैर अपना सारा सामान उतरवा कर भास्कर ने उस समय तो ट्रक को रवाना कर दिया पर अगली सुबह जब सामान खोला गया तो पता चला कि गैस का रेग्युलेटर गायब था, दो नई शर्ट्स और घी तेल के डिब्बे गायब थे और सेंटर टेबल का मैगज़ीन ग्लास टूटा हुआ था। भास्कर ने राना जी को भी फोन लगाने की कोशिश की पर अब वो फोन नहीं उठा रहे।
चोट खाने के बाद जब भास्कर ने तिरुपति बालाजी मूवर्स एंड पैकर्स कंपनी के बिल पर छपे सर्विस टैक्स नंबर को गूगल पर डाल कर सर्च किया तो पता चला कि इस कंपनी के खिलाफ पहले ही उपभोक्त फोरम में बहुत सारी शिकायते दर्ज हैं और केस भी चल रहे हैं - http://www.grahakseva.com/complaints/12878/tirupati-balaji-cargo-packers-and-movers-lost-my-goods, http://www.consumercomplaints.in/complaints/tirupati-balaji-cargo-packers-and-movers-c341724.html

मूवर्स और पैकर्स द्वारा मानसिक प्रताड़ना और पैसों व सामान दोनों की बरबादी झेलने के बाद भास्कर ने तो कान पकड़ लिए हैं कि वो अब मूवर्स और पैकर्स के चक्कर में नहीं पड़ेंगे। लेकिन ऐसा करने से फ्रॉड करने वाली कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। वो भास्कर जैसे किसी और ग्राहक को परेशान करेंगी। इसलिए बेहतर है कि आप अपनी तरफ से सावधानी बरतें। अपना सामान शिफ्ट करते समय मूवर्स और पैकर्स को जल्दबाज़ी में नहीं बल्कि अक्लमंदी से चुने। वरना आपको भी भास्कर की तरह कड़वे अनुभव का सामना करना पड़ सकता है।

मूवर्स एंड पैकर्स चुनते समय ध्यान रखें
  • अगर आप जस्ट डायल से मूवर्स एंड पैकर्स चुन रहे हैं, तो उनकी साइट पर पंजीकृत किसी कंपनी का नाम ही चुने। पॉप अप विंडो में आने वाले विज्ञापनों से बच कर रहे, इनसे अपना मूवर्स एंड पैकर्स बिल्कुल ना चुने। अधिकतर फ्रॉड कंपनिया इसी तरह पॉप विंडो से विज्ञापन करती हैं।
  •  जस्ट डायल में हर कंपनी के आगे ग्राहको की रेटिंग भी दी हुई है, बेहतर हो कि पहले आप वो रेटिंग देख लें। अगर रेटिंग अच्छी है तभी उस कंपनी को चुने।
  • एक बार कंपनी का नाम, एड्रेस वगैरह पता चलने के बाद उसे गूगल पर डाल कर देख लें। अगर कंपनी द्वारा किया गया फ्रॉड, या कंपनी कि खिलाफ शिकायत गूगल पर या उपभोक्ता फोरम में होगी तो आपको पता चल जाएगा।
  • कंपनी से पहली बार में ही साफ साफ पैसों के बारे में बात कर ले। इंश्योरेंस, सर्विस टैक्स आदि सब की जानकारी ले लें।
  • शिफ्टिंग के समय सामान पैक करवाने से पहले ही बिल अवश्य मांग ले ताकि आपको भास्कर जैसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
  • अगर लोकल या पास के शहर में ही शिफ्टिंग करनी है तो बेहतर है कि आप अपनी गाड़ी ट्रक के पीछे या उसके साथ ही ले जाएं।
 

Comments

Popular posts from this blog

सृष्टि से पहले सत् नहीं था, असत् भी नहीं, छिपा था क्या, कहां किसने ढका था....: ऋगवेद के सूक्तों का हिन्दी अनुवाद है यह अमर गीत

क्या आपने बन्ना-बन्नी, लांगुरिया और खेल के गीतों का मज़ा लिया है. लेडीज़ संगीत का मतलब केवल डीजे पर डांस करना नहीं है..

भुवाल रियासत के सन्यासी राजा की कहानी, जो मौत के 12 साल बाद फिर लौट आयाः भारत के इतिहास में जड़ा अद्भुत, अनोखा और रहस्यमयी सच